विशेष बातों का रखें ध्यान
एचयूएफ के तहत ऐसे कई प्रावधान हैं जिनका ध्यान रखन जरूरी है। नए नियमों के तहत एचयूएफ अब पीपीएफ और एनएससी में निवेश नहीं कर सकता। गिफ्ट द्वारा प्राप्त की गई राशि केवल 50,000 रुपए तक ही कर मुक्त होती है क्योंकि उसका कोई रिश्तेदार नहीं होता। अगर आपने कोई निजी संपत्ति एचयूएफ में दर्ज करा रखी है तो वह आपकी अपनी आय में ही जुड़ जाती है। दूसरी ओर एचयूएफ से आप कोई भी संपत्ति तब तक वापस नहीं ले सकते हैं जब तक एचयूएफ को खत्म न कर दिया जाए। एचयूएफ की आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख एक वैयक्तिक करदाता की तरह ही होती है क्योंकि यह एक अलग एंटिटी होती है। इसके खाते भी अलग से बनाने और रखने पड़ते हैं। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि अगर आयकर विभाग को कहीं भी लगता है कि आपने गलत तरीके से टैक्स बचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया है तो वह टैक्स में कोई छूट नहीं देगा। इसलिए बेहतर रहेगा कि यदि आप एचयूएफ के जरिए टैक्स बचाने की योजना बना रहे हैं तो एक योग्य सीए की सेवाएं जरूर लें।